वक्त के साथ सब बदल जाता है, पुराने जमाने में जिसे ठेंगा कहते थे,
इतर से कपड़ों का महकाना कोई बड़ी बात नहीं हे, मज़ा तो तब है जब आपके किरदार से खुशबु आये.
ज़िन्दगी हर पल कुछ खास नहीं होती, फूलों की खुशबू हमेशा पास नहीं होती, मिलना हमारी तक़दीर में था वरना, इतनी प्यारी दोस्ती इत्तेफाक नहीं होती।
पुराने जमाने में जिसे ठेंगा कहते थे, उसे आज लाईक कहते हैं!